दोस्तों आज की दुन्या इन्टरनेट की दुनया है| आज के वक़्त में ऐसे बहुत कम लोग होंगे जो इन्टरनेट का यूज़ नहीं करते होंगे| और अगर आप इन्टरनेट यूज़र है तो आपको Spyware के बारे में पता होना चाहए| Spyware क्या है ये कैसे हमारे Computer में आता है और ये हमें क्या क्या नुकसान पहंचा सकता है|
यह एक सॉफ्टवेयर है जो आपके कंप्यूटर का “जासूस” है| कोई भी जासूसी नहीं पसंद करता है, और आपका कंप्यूटर भी इसे पसंद नहीं करता है|
तो स्पाइवेयर आपके कंप्यूटर पर कैसे आता है| वायरस की तरह, स्पाइवेयर इंस्टॉल किया जाता है जब आप Malicious सॉफ़्टवेयर वाले ई-मेल अटैचमेंट को खोलते हैं। यह तब भी आपके सिस्टम में इंस्टाल किया जा सकता है जब आप एक दुसरा प्रोग्राम Install कर रहे होते हैं जिसमें स्पाइवेयर इंस्टॉलर Attach होता है|
Spyware क्या होता है
स्पाईवेयर एक टर्म है जो एक Software की Category को दिया गया है जिसका मकसद आपके पर्सनल और Organisational मेसेज को चुराने का होता है| ये यूजर के Appropriate परमिशन के बिना एक सेट ऑफ़ ऑपरेशन को परफॉर्म कर के किया जाता है| कभी कभी गुप्त रूप से भी किया जाता है|
Spyware एक ऐसा Software है जो एंड यूज़र के नॉलेज के बिना computer पे इनस्टॉल होता है| ऐसा Software Controversial है क्यों की भले ही इसे किसी हार्मलेस रीज़न के तहत इनस्टॉल किया जाता हो फिर भी ये एंड यूज़र के प्राइवेसी को वायलेट कर सकता है और इसके साथ दुर्व्यवहार की सम्भावना बनी रहती है|
गुप्त रूप से इनस्टॉल Software को कभी कभी ट्रैकिंग Software के रूप में भी जाना जाता है| वर्कप्लेस में ऐसे Software वर्कर्स पे वर्कर्स की ब्राउज़िंग एक्टिविटी की निगरानी के लिए Install किये जा सकते है| Spyware के द्वारा परफॉर्म किये गये General एक्शन में एडवरटाइजिंग, पर्सनल इनफार्मेशन का कलेक्शन और यूजर Configuration को चेंज करना है|
क्लासिफिकेशन ऑफ़ Spyware
Spyware को जेनरली एडवेयर, ट्रैकिंग कूकीज़, सिस्टम मॉनिटर और ट्रोजन में Classify किया जाता है| कंप्यूटर में जाने के लिए स्पाइवेयर के लिए सबसे आम तरीका फ्रीवेयर और शेयरवेयर के ज़र्ये एक Bundled हिडन कॉम्पोनेन्ट के रूप में है|
एक बार स्पाइवेयर सफलतापूर्वक इंस्टॉल हो जाने पर, यह उस कंप्यूटर से डेटा को बैकग्राउंड में किसी दुसरी जगह पर भेजना शुरू कर देता है।
इन दिनों Spywares आमतौर पर यूज़र की आदतों और ब्राउज़िंग हिस्ट्री के आधार पर पॉपअप Advertisement देने के लिए यूज़ किया जाता है। लेकिन जब एक स्पाइवेयर Maliciously यूज़ किया जाता है, तो यह कंप्यूटर की सिस्टम फ़ाइलों में छिपा जाता है और इनमे डिफरेंस करना मुश्किल हो जाता है।
अबतक का सबसे सिंपल और सबसे पॉपुलर Keyloggers हैं| इसका यूज़ की स्ट्रोक रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है जो घातक हो सकता है क्योंकि यह पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड आदि की जानकारी रिकॉर्ड कर सकता है|
कुछ शेयर्ड नेटवर्क और कॉर्पोरेट कंप्यूटरों में, यह जानबूझ कर यूज़र की Activity को ट्रैक करने के लिए भी इंस्टाल किया जाता है। कंप्यूटर में स्पाइवेयर का Presence कई दुसरी परेशानी पैदा कर सकती है क्योंकि कंप्यूटर की निगरानी करने के उद्देश्य से स्पाइवेयर यूज़र परेफरेंस को बदल सकता है, परमिशन और Administrative राईट को भी बदल सकता है| जिसका रिजल्ट ये होगा के यूज़र खुद के ही Computer से लॉगआउट हो जायेगा और कुछ केसेस में सारे डेटा का लोस हो सकता है|
बैकग्राउंड में चल रहे स्पाइवेयर भी प्रोसेस के नंबर्स में वृद्धि कर सकते हैं और रिजल्ट के तौर पे बार बार क्रैश हो सकता हैं। यह अक्सर कंप्यूटर को धीमा कर देता है।
स्पाइवेयर का पता लगाना मुश्किल हो सकता है, अक्सर यूज़र को कंप्यूटिंग डिवाइस में वायरस होने का पहला इंडिकेशन नेटवर्क कनेक्शन और प्रोसेसर की स्पीड में नोटिस की जाने वाली कामी है| और मोबाइल के केस में डेटा यूजेज़ और बैटरी लाइफ में कमी है|
प्रोटेक्टेड रहने का सबसे अच्छा तरीका अच्छा एंटीवायरस / एंटीस्पायवेयर सॉफ़्टवेयर का उपयोग करना है।सबसे इम्पोर्टेन्ट बात यह है कि डिफ़ॉल्ट रूप से फ्रीवेयर एप्लिकेशन इंस्टॉल करते समय सावधान रहें।
स्पाइवेयर के गैर मामूली फितरत की वजह से ज्यादातर लोग यह भी नहीं जानते कि स्पाइवेयर उनके कंप्यूटर पर कब होता है| खुश किस्मती से आप एंटी-स्पाइवेयर यूटिलिटी को खरीद सकते हैं जो आपके कंप्यूटर पर स्पाइवेयर की खोज करने और आपके सिस्टम से Unwanted सॉफ़्टवेयर को रोकने में मदद करेगा|
स्पाइवेयर को आपके कंप्यूटर को इन्फेक्ट करने से रोकने का एक अच्छा तरीका एकएंटी वायरस Software इंस्टाल करना है जो आपको यह बताता है कि कोई प्रोग्राम इंस्टॉल होने पर आप इंस्टॉलेशन को Authorize या बंद कर सकें।
Antivirus Software : एंटीवायरस में स्पाइवेयर खोजने और निकालने के लिए एंटीस्पायवेयर सुरक्षा शामिल होनी चाहिए| स्पाइवेयर को रोकने के लिए, यूज़र को केवल Trusted स्रोतों से सॉफ़्टवेयर डाउनलोड करना चाहिए, सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करते समय सभी Disclosures पढ़ें, पॉप-अप विज्ञापनों पर क्लिक करने से बचें और ब्राउज़र, ऑपरेटिंग सिस्टम और एप्लिकेशन सॉफ़्टवेयर के अपडेट और पैच के साथ अपडेटेड रहें|